Autobiography of pandit jawaharlal nehru in hindi
» पंडित जवाहर लाल नेहरू का जीवन परिचय «
नाम | पंडित जवाहरलाल नेहरू |
जन्म तिथि | 14 नवम्बर |
जन्म स्थान | उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में |
पिता का नाम | श्रीमान मोतीलाल नेहरू |
माता का नाम | श्रीमती स्वरूप रानी नेहरू |
पत्नी | कमला नेहरू (सन् ) |
बच्चे | श्रीमती इंदिरा गांधी जी |
मृत्यु | 27 मई (नई दिल्ली) |
मृत्यु का कारण | दिल का दौरा |
पुरस्कार | भारत रत्न (सन् ) |
इसे पढ़े: जीवन में सफलता प्राप्त करने के 3 अद्भुत तरीके
प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का जीवन परिचय
14 नवम्बर नेहरू जी का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता मोतीलाल नेहरू और माता स्वरूप रानी नेहरू थे। इनके पिता जी मशहुर बैरिस्टर और समाजवादी थे।
नेहरू जी इकलौते बेटे थे और तीन बहने भी थी। उन्होंने देश-विदेश के नामी विद्यालयों एवं महाविद्यालयों से शिक्षा प्राप्त की थी और इसके बाद उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से कानून शास्त्र में पारंगत हुए।
7 वर्ष इंग्लैंड में रहकर फैबियन समाजवाद एवं आयरिश राष्ट्रवाद की जानकारी विकसित की।
नेहरू जी भारत के सबसे पहले प्रधानमंत्री थे। उनके जन्मदिन को ही बाल दिवस के रूप में देशभर में मनाया जाता है। जवाहरलाल नेहरू जी का जीवन भी अन्य स्वतंत्रता सेनानियों की तरह रहा है।
कहां जाता है कि उन्हें बच्चों से बहुत प्यार था। जिस कारण बच्चे उन्हें प्यार से चाचा जी कहा करते थे। महात्मा गांधी जी उन्हें अपना शिष्य मानते थे। जवाहर लाल जी के अंदर अपने देश के लिए बहुत प्रेम था।
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जवाहर लाल जी को पंडित क्यों कहा जाता था?
कश्मीरी पंडित समुदाय के साथ उनके मूल की वजह से वे पंडित नेहरू कहलाये जाते थे।
सन् में जवाहर लाल जी को स्वतंत्र भारत का प्रधानमंत्री बनने का प्रश्न सुलझ चुका था, वे भारत के सपनों को साकार करने के लिए चल पड़े और भारत के अधिनियम लागू होने के बाद उन्होंने आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक सुधारों के लिए योजना बनाने लगे।
उन्होंने बहुवचनी दलीय को बनाए रखा और अंग्रेजी शासन से भारत को एक गणराज्य देश बना दिया। उन्होंने विदेश नीति में भारत को दक्षिण एशिया में एक क्षेत्रीय नायक के रूप में दिखाया और गैर-निरपेक्ष आन्दोलन में सबसे आगे रहे।
नेहरू के शासन में कांग्रेस पार्टी , , के चुनाव लगातार जीतते रहे और के चीनी-भारत युद्ध में उनके नेतृत्व को असफलता मिली।
Pandit Jawaharlal Nehru History tag Hindi
- सन् नेहरू जी भारत वापस आए और वकालत शुरू।
- सन् नेहरू जी की शादी “कमला नेहरू” जी के साथ हुई।
- सन्होमरूल लीग शामिल हुए।
- सन् महात्मा गांधी जी से मिले और राजनीति में अपना योगदान दिया। जिस समय महात्मा गांधी जी ने रॉलेट एक्ट अधिनियम के खिलाफ एक अभियान शुरू किया था।
- सन्-(): जवाहर लाल नेहरू ने भी असहयोग आन्दोलन में सहयोग दिया और गिरफ्तार भी हुए और कुछ दिनों के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।
- सन्इलाहाबाद के अध्यक्ष चुने गये और 2 साल तक कार्यकारी अधिकारी के रूप में काम किया। में ब्रिटिश अधिकारियों से सहायता न मिलने पर इस्तीफा दे दिया।
- सन्-(): जवाहर लाल नेहरू ने अखिल भारतीय कांग्रेस के नेता के रूप में कार्य किया।
- सन्-( ): मोतीलाल की अध्यक्षता में कांग्रेस का वार्षिक सत्र का आयोजन किया और तभी जवाहर लाल नेहरू और सुभाष चन्द्र बोस ने पूर्ण राजनीतिक की स्वतंत्रता की मांग की जबकि मोतीलाल नेहरू और अन्य नेताओं ने ब्रिटिश साम्राज्य के अन्दर ही संपन्न राज्य का दर्जा पाने की मांग की।
इन दोनों के बीच की बहस को गांधी जी ने हल निकालने के लिए कहा की ब्रिटेन को भारत के राज्य का दर्जा देने के लिए दो साल का समय दिया जायेगा और यदि ऐसा नहीं हुआ तो कांग्रेस स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करेगी।
नेहरू और बोस ने मांग की, कि इस समय को कम करके एक साल का कर दिया जाये जिस पर ब्रिटिश सरकार का कोई फैसला नहीं आया।
- सन् दिसम्बर के महीने में कांग्रेस के अधिवेशन में जवाहर लाल नेहरू जी को कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष चुना गया। तभी पूर्ण स्वराज की मांग भी की गयी थी। ये अधिवेशन लाहौर में हुआ था।
- 26 जनवरी जवाहर लाल नेहरू ने लाहौर में स्वतंत्र भारत का झंडा फहराया था। गांधी जी ने तभी में सविनय अवज्ञा नमक आन्दोलन की शुरुआत की ओर वो इतना सफल हुआ की ब्रिटिश को एक महत्वपूर्ण निर्णय के लिये मजबूर होना पड़ा।
- सन् में: ब्रिटिश सरकार ने अधिनियम लागू करने का प्रस्ताव सामने रखा तो कांग्रेस ने चुनाव लड़ना ही सही समझा, नेहरू ने चुनाव के दौरान पार्टी का समर्थन चुनाव से बाहर रह कर ही किया। कांग्रेस हर प्रदेश में छा गयी और सबसे अधिक जगहों पर जीत हासिल की।
- सन् नेहरू जी को कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
- सन् गांधी जी के नेतृत्व में भारत छोड़ो आन्दोलन हुआ जिसमें जवाहर लाल नेहरू जी को जेल भी हुई और जिसके बाद उन्हें में जेल के बाहर आये।
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री कौन थे?
सन् में भारत को आजादी मिल गयी थी। तब बात ये हुई की प्रधानमंत्री के लिए कांग्रेस में मतदान हुआ तो सरदार पटेल को सबसे ज्यादा मतदान मिले और उनके बाद सबसे ज्यादा मत आचार्य कृपलानी को मिले लेकिन गांधी जी के कहने पर सरदार पटेल और आचार्य कृपलानी ने अपना नाम वापस ले लिया और जवाहर लाल नेहरू जी को प्रधान मंत्री बनने दिया।
अंग्रेजों ने देशी रियासतों को रिहा किया था। प्रधानमंत्री बनने के बाद उनके आगे सबसे बड़ी परेशानी आ गयी थी की आजाद लोगों को एक झंडे के सामने लाना और उन्होंने भारत को दोबारा बनाया और आगे आने वाली हर समस्या का सामना समझदारी के साथ किया।
जवाहर लाल नेहरू ने आधुनिक भारत के निर्माण में योगदान दिया। उन्होंने विज्ञान और प्रोद्योगिकी के विकास को प्रोत्साहित किया। साथ में तीन लगातार पंचवर्षीय योजनाओं का शुभारंभ किया।
उनके कारण व उनके निर्णयों व उनकी नीतियों की वजह से देश में कृषि व उद्योग की लहर आ गयी। नेहरू जी ने विदेशी नीति में एक अपनी भूमिका निभाई।
नेहरु जी ने एशिया और अफ्रीका में उपनिवेशवाद को खत्म करने के लिए जोसिप ब्रोज़ टिटो और अब्दुल गमाल नासिर के साथ मिलकर एक गुट निरपेक्ष आन्दोलन की रचना की। उन्होंने अपना योगदान कोरियाई युद्ध का अंत करने, स्वेज नहर विवाद सुलझाने और कांगो समझौते को अन्य समस्याओं को सुलझाने में दिया।
जवाहर लाल नेहरू पुरस्कार
पंडित जवाहर लाल नेहरू को वर्ष में भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
पंडित जवाहर लाल नेहरू की मृत्यु कब और कैसे हुई?
»नेहरू जी ने पाकिस्तान और चीन के साथ भारत के रिश्तों को सुलझाने की भी कोशिश की मगर असफल रहे।
»पाकिस्तान कहता है कि कश्मीर हमारा है और जब चीन से दोस्ती की बात करो तो वो सीमा विवाद आगे कर देता है। जिस कारण नेहरू जी ने एक बार चीन से मित्रता के लिए हाथ भी बढ़ाया लेकिन में चीन ने मौके का फायदा उठा कर धोखे से आक्रमण कर दिया।
»नेहरू जी को इस बात का बहुत बड़ा झटका लगा और लोगों का कहाँ था की हो सकता है इस झटके के कारण ही उनकी मृत्यु हुई हो।
»27 मई को जवाहरलाल नेहरू को दिल का दौरा पड़ा जिसमें उनकी मृत्यु हो गई।
जवाहरलाल नेहरू के नाम सड़कें, स्कूल, यूनिवर्सिटी और हॉस्पिटल क्यों बनाये गए?
उनकी मृत्यु होने से भारत को बहुत बड़ी चोट पहुंची थी। जवाहरलाल नेहरू जी सबके लोकप्रिय थे उन्होंने देश के लिए जो भी किया वो बहुत ही कीमती था उन्हें भुलाया नहीं जा सकता था।
जिस कारण उनकी याद में देश के महान नेताओं ने व स्वतंत्रता सेनानियों ने उन्हें हर पल याद रखने के लिए सड़के मार्ग, जवाहर लाल नेहरू स्कूल, जवाहर लाल नेहरु टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी, जवाहरलाल नेहरु कैंसर हॉस्पिटल आदि को बनाने की शुरुआत की गयी।
Pandit Jawaharlal Nehru Biography in Hindi
(जवाहर लाल नेहरू जी पर आलोचना श्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का जीवन परिचय)
गांधी जी ने जब सरदार वल्लभ भाई पटेल की जगह जवाहर लाल नेहरू को प्रधानमंत्री बनाया तो बहुत लोगों में क्रोध जाग उठा।
बहुत लोगों का ये सोचना था की नेहरू जी ने अन्य भारत के स्वतंत्रता सेनानियों की तुलना में योगदान कम दिया था और फिर भी गांधी जी ने उन्हें प्रधानमंत्री बनाया और तो और जब कांग्रेस के अध्यक्ष बनने की बात आजादी से पहले हुई थी तो ये कहा गया था की जो भी कांग्रेस का अध्यक्ष बनेगा वही आजाद भारत का पहला प्रधानमंत्री बनेगा।
तब भी गांधी जी ने प्रदेश कांग्रेस समितियों के प्रस्ताव अनदेखा करते हुए बातों को न मानते हुए नेहरू जी को अध्यक्ष बनाने की कोशिशें की।
नेहरू के प्रधानमंत्री बनने पर लोगों ने कहा की गांधी जी ने नेहरू को प्रधानमंत्री बनवाया है और जरूर गांधी जी उनसे वो काम करवा पाएंगे जिन्हें वो खुद करना चाहते थे और कर न सके लेकिन सच्चाई ये नहीं थी।
ये बात किसी और ने नहीं बल्कि उनके साथ एक टीम के तौर पे काम करने वाले जयप्रकाश नारायण जी में आई किताब गाँधी टुडे में कहा था.
जयप्रकाश, नेहरू के काफी नजदीक थे और उनके मित्र भी थे और उनकी कही बातों पर विश्वास भी किया जा सकता है। इसके बावजूद भी जयप्रकश ने नेहरू के बनाये मॉडल की कमियों को उजागर किया था।
List of Prime Ministers of India From To
नाम | पार्टी | कार्यकाल |
जवाहरलाल नेहरू (–) | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 15 अगस्त से 27 मई |
गुलजारीलाल नंदा (–) | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 27 मई से 9 जून |
लाल बहादुर शास्त्री (–) | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 9 जून से 11 जनवरी |
गुलजारीलाल नंदा (–) | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 11 जनवरी से 24 जनवरी |
इंदिरा गांधी (–) | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 24 जनवरी से 24 मार्च |
मोरारजी देसाई (–) | जनता पार्टी | 24 मार्च से 28 जुलाई |
चरण सिंह (–) | जनता पार्टी (सेक्युलर) | 28 जुलाई से 14 जनवरी |
इंदिरा गांधी (–) | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 14 जनवरी से 31 अक्टूबर |
राजीव गांधी (–) | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 31 अक्टूबर से 2 दिसंबर |
विश्वनाथ प्रताप सिंह (–) | जनता दल | 2 दिसंबर से 10 नवंबर |
चंद्र शेखर (–) | समाजवादी जनता पार्टी | 10 नवंबर से 21 जून |
पी वी नरसिम्हा राव (–) | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 21 जून से 16 मई |
अटल बिहारी वाजपेयी (–) | भारतीय जनता पार्टी | 16 मई से 1 जून |
एच डी देवगौड़ा (–) | जनता दल | 1 जून से 21 अप्रैल |
इंद्र कुमार गुजराल (–) | जनता दल | 21 अप्रैल से 19 मार्च |
अटल बिहारी वाजपेयी (–) | भारतीय जनता पार्टी | 19 मार्च से 22 मई |
मनमोहन सिंह (–) | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 22 मई से 26 मई |
नरेंद्र दामोदरदास मोदी (–) | भारतीय जनता पार्टी | 26 मई से (अभी भी पद पर है) |
10 Outline on Pandit Jawaharlal Nehru Thesis in Hindi
जवाहरलाल नेहरू पर निबंध: पंडित जवाहर लाल नेहरू (14 नवंबर मई )
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर इलाहाबाद उत्तर प्रदेश में हुआ था। उनका जन्मदिन प्रत्येक वर्ष बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। पंडित जवाहरलाल नेहरू जी के पिता का नाम मोतीलाल नेहरू था, जो एक धनाढ्य परिवार के थे और माता का नाम स्वरूपरानी था। उनके पिता पेशे से वकील थे।
जवाहरलाल नेहरू उनके इकलौते पुत्र थे और 3 पुत्रियां थी। नेहरू जी को बच्चों से बड़ा स्नेह और लगाव था और वे बच्चों को देश का भावी निर्माता मानते थे।
जवाहरलाल नेहरू को दुनिया के बेहतरीन स्कूलों और विश्वविद्यालयों में शिक्षा प्राप्त करने का मौका मिला था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा हैरो और कॉलेज की शिक्षा ट्रिनिटी कॉलेज, लंदन से पूरी की थी।
उन्होंने अपनी लॉ की डिग्री कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पूरी की। हैरो और कैम्ब्रिज में पढ़ाई कर में नेहरू जी ने बार-एट-लॉ की उपाधि ग्रहण की और वे बार में बुलाए गए।
जवाहर लाल नेहरू शुरू से ही गांधी जी से प्रभावित रहे और में कांग्रेस से जुड़े। के प्रतापगढ़ के पहले किसान मोर्चे को संगठित करने का श्रेय उन्हीं को जाता है।
में लखनऊ में साइमन कमीशन के विरोध में नेहरू घायल हुए और के नमक आंदोलन में गिरफ्तार भी हुए। उन्होंने 6 माह जेल काटी।
में अल्मोड़ा जेल में आत्मकथा लिखी। उन्होंने कुल 9 बार जेल यात्राएं कीं। उन्होंने विश्वभ्रमण किया और अंतरराष्ट्रीय नायक के रूप में पहचाने गए।
सन् में भारत को आजादी मिलने पर जब भावी प्रधानमंत्री के लिए कांग्रेस में मतदान हुआ तो सरदार वल्लभभाई पटेल और आचार्य कृपलानी को सर्वाधिक मत मिले थे। किंतु महात्मा गांधी के कहने पर दोनों ने अपना नाम वापस ले लिया और जवाहरलाल नेहरू को प्रधानमंत्री बनाया गया।
पंडित जवाहरलाल नेहरू में स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री बने। आजादी के पहले गठित अंतरिम सरकार में और आजादी के बाद में भारत के प्रधानमंत्री बने और 27 मई को उनके निधन तक इस पद पर बने रहे।
नेहरू पाकिस्तान और चीन के साथ भारत के संबंधों में सुधार नहीं कर पाए। उन्होंने चीन की तरफ मित्रता का हाथ भी बढ़ाया, लेकिन में चीन ने धोखे से आक्रमण कर दिया।
चीन का आक्रमण जवाहरलाल नेहरू के लिए एक बड़ा झटका था और शायद इसी वजह से उनकी मौत भी हुई। जवाहरलाल नेहरू को 27 मई को दिल का दौरा पडा़ जिसमें उनकी मृत्यु हो गई।
स्वाधीनता और स्वाधीनता की लड़ाई को चलाने के लिए की जाने वाली कार्रवाई का खास प्रस्ताव तो करीब-करीब एकमत से पास हो गया। खास प्रस्ताव इत्तफाक से 31 दिसंबर की आधी रात के घंटे की चोट के साथ, जबकि पिछला साल गुजरकर उसकी जगह नया साल आ रहा था, मंजूर हुआ। -लाहौर अधिवेशन में स्वतंत्रता प्रस्ताव पारित होने के बारे में नेहरू की मेरी कहानी से।
Pandit Jawaharlal Nehru Speaking in Hindi
आप सभी को मेरा नमस्कार, मैं आज आपको जवाहर लाल नेहरू के जीवन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य बताने जा रहा/रही हूं और उम्मीद करता/करती हूं की यह आप सबको अवश्य पसंद आएगा।
पंडित जवाहर लाल नेहरू जी का जन्म 14 नवम्बर सन् को इलाहाबाद उत्तर प्रदेश में हुआ था। उस समय भारत पर ब्रिटीशियों का राज था और तब भारत गुलाम था। उनके पिता का नाम श्री मोतीलाल नेहरू और माता का श्रीमती स्वरूपरानी थुस्सू था। वे एक कश्मीरी ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखते थे।
उन्होने कैम्ब्रिज, लंदन के ट्रिनिटी से उच्च शिक्षा प्राप्त की और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अपनी लॉ की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद वे भारत आ गये और भारत के स्वतंत्रता की क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और जिसके लिए उन्हे कई बार जेल भी जाना पड़ा।
देश को आजाद कराने में उनकी बहुत अहम भूमिका रही थी। उन्हें छोटे बच्चों से बहुत लगाव था और बच्चे प्यार से उन्हे चाचा नेहरू बुलाते थे और इसलिये उनके जन्मदिन ‘14 नवम्बर’ को बाल दिवस के रूप में भी मनाते हैं।
जैल के दौरान नेहरू जी ने “भारत की खोज” नमक पुस्तक भी लिखी थी जिसे दुनिया भरा में बहुत ही प्रतिष्ठा मिली है|
नेहरू जी को बहुत ही अच्छा प्रधानमंत्री कहा जाता है। इनका विवाह “कमला कौल” से हुआ था और इनकी पुत्री का नाम इंदिरा गांधी (पूर्व प्रधानमंत्री) था। वे एक बहुत अच्छे लेखक भी थे। इनकी कुछ प्रमुख पुस्तकें हैं, मेरी कहानी, विश्व इतिहास की झलक, भारत की खोज हिन्दुस्तान की कहानी आदि।
इन्हे बच्चों से बहुत लगाव था, इसलिये इनके जन्म दिवस को ‘बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
जवाहर लाल नेहरू एक महान शख्सियत के साथ एक महान व्यक्ति भी थे और उनके भारतीय इतिहास में अपने अतुल्य योगदान के लिये भारत रत्न से भी नवाजा जा चुका है और इन्हे आज भी याद किया जाता है।
FAQs on Pandit Jawaharlal Statesman in Hindi
Question.
Who is distinction first prime minister of Bharat to be born after independence?
Answer. नरेंद्र मोदी (17 सितंबर ) भारत के स्वतंत्रता के बाद पैदा होने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं। अन्य सभी पूर्व प्रधान मंत्री भारत की स्वतंत्रता से पहले पैदा हुए थे।
Question. Who is the chief prime minister of India?
Answer.
जवाहरलाल नेहरू
Question. Pandit Jawaharlal Nehru Little woman Name
Answer. पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की पत्नी का नाम “कमला कौल” था।
Question. Pandit Jawaharlal Statesman Birthday
Answer.
Theपंडित जवाहर लाल नेहरू जी का जन्म 14 नवम्बर सन् को हुआ था।
Question. When was born Pandit Jawaharlal Nehru?
Answer. इलाहाबाद उत्तर प्रदेश में हुआ था।
Question. What research paper Nehru famous for?
Answer. जवाहर लाल नेहरू एक महान शख्सियत के साथ एक महान व्यक्ति भी थे और उनके भारतीय इतिहास में अपने अतुल्य योगदान के लिये भारत रत्न से भी नवाजा जा चुका है। नेहरू जी का भारत की आजादी में बहुत ही बड़ा योगदान था उन्होने प्रधानमंत्री बन कर भारत की सेवा भी की थी।
Question.
How did Pandit Statesman die?
Answer. नेहरू पाकिस्तान और चीन के साथ भारत के संबंधों में सुधार नहीं कर पाए। पाकिस्तान के साथ एक समझौते तक पहुंचने में कश्मीर मुद्दा और चीन के साथ मित्रता में सीमा विवाद रास्ते के पत्थर साबित हुए।
नेहरू ने चीन की तरफ मित्रता का हाथ भी बढाया, लेकिन में चीन ने धोखे से आक्रमण कर दिया। नेहरू के लिए यह एक बड़ा झटका था और शायद / किंचित उनकी मौत भी इसी कारण हुई। 27 मई को जवाहरलाल नेहरू को दिल का दौरा पड़ा जिसमें उनकी मृत्यु हो गयी।
Question.
Quite good Nehru a Brahmin?
Answer. नेहरू जी कश्मीरी पंडित थे।
पंडित जवाहर लाल नेहरू का जीवन परिचय का यह लेख यही समाप्त होता है। पंडित जवाहर लाल नेहरु की जीवनी को पढ़ने के लिए धन्यवाद
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